PS-I
कुंदवई चोल साम्राज्य की एक राजकुमारी , परान्तक द्वितीय और वनवन महादेवी की पुत्री थीं। वह तिरुकोइलूर में पैदा हुई और चोल सम्राट राजराजा प्रथम की बड़ी बहन थी । उनका नाम इलैयापिरत्ति कुंडवई नचियार था ।
PS -I मूवी में कुंडवाई का किरदार तृषा ने पूरे राजोचित अहम के साथ निभाया। ऐश्वर्या (नंदिनी के रूप में) के बरक्स तृषा की अदाकारी कही से भी कमतर नही है। उनकी भावभंगिमा में राजकुमारी का गुरुर और आत्मविश्वास झलकता है। इतिहास में राजकुमारियो का वो स्थान नहीं रहा जो राजकुमारो का रहा है। राजकुमारियां का प्रयोग राजनैतिक सांठगांठ और दुर्भी संधियो में एक वस्तु के रुप में होता रहा है। यह कोई नई बात नही है।
लेकिन कुंडवई महलों की साज- सजा और श्रृंगार के लिए ही नही बनी थी। उन्होने इतिहास में पोन्नियन सेलवन (राजराज प्रथम ) की बडी बहन और संरक्षक के साथ राजेंद्र प्रथम के अभिभावक की भूमिका भी निभाई । यानि चोल वंश का महान इतिहास कुंडवई के हाथो में पुष्पित और पल्लवित हुआ।
उन्होंने हिंदू और जैन मंदिरों का निर्माण तो करवाया ही। साथ ही तिरुवंतपुरम में एक अस्पताल और कला विद्यालयों के निर्माण के साक्ष्य भी चोल शीलालेखों में मिलते है।
कुंडवई ने चोलों के एक सामंत, बाना वंश के सदस्य वल्लवरैयन वंदियादेवन से शादी की। वल्लवरैयन वंदियादेवन चोल सेनापति और आदित्य चोलन के मित्र थे। PS-I फिल्म में यह किरदार कार्ति ने पूरी ऊर्जा के साथ निभाया है। वह राजराज प्रथम के दिनों में श्रीलंका में लड़ी गई चोल पैदल सेना के सेनापति भी थे । उनके अधिकार के तहत क्षेत्र 'वल्लवरैयानाडु' के रूप में जाना जाता था, और कभी-कभी 'ब्रह्मदेशम'।
PS-I में अदाकारी के साथ लेखन भी स्तर का है। संवाद रोचक और ऐतिहासिक पृष्ठभुमि से मेल खाते है। वीएफएक्स से धूम धड़ाका करने की जल्दबाजी नहीं है। इसलिए बाहुबली जैसा हल्ला यहां नही है।
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