The Last Girl
इरका के उतरी- पश्चिमी भाग मे स्थित सिंजर क्षेत्र में यजीदी छितरे रूप में बसे है। यहीं कोचो गांव नादिया मुराद का गांव है। कोचो - गांवों जैसा गांव था। अधिकांश आबादी खेती और चरवाहा का कार्य करती थी। सींजर पहाड़ की तलहटी मे भेड़ चराने वाले गडरियों, और अरबी व्यापारियों की आवाजाही देखी जा सकती थी। एशिया कि तपा देने वाली गर्मी और शुष्क सर्दियां। तमाम भू - राजनैतिक तनावों और मुश्किलों के बीच लोग जिंदा थे। लेकिन साल 2014 कोचों गांव के लिए कयामत लेकर आया। कोचों मे 3000 कि आबादी थी और सारे यजीदी। यजीदी अरबी नहीं है, वो पूरे कुर्द भी नहीं है न उन्हें मुस्लिम ही माना जाता है। वो एक अलग पंथ को मानने वाले लोग है। उनकी मान्यताओं पर कुछ प्रभाव इस्लाम और ईसाइयत का भी है तो कुछ प्रभाव ईरान के प्राचीन पारसी धर्म का भी। कुछ समानताएं आश्चर्यजनक रूप से भारत के वैदिक धर्म से भी मिलती है। यजीदीयो के अपने मंदिर होते है, पूर्वजन्म कि मान्यता है, सूर्य कि उपासना और दीप प्रज्वलन भी प्रचलित है। यजीदी दुनिया के प्राचीनतम धार्मिक समुदायों में से एक है। दजला और फरात नदियों के दोआब मे मेसोपोटामिया सभ्यता आबाद रही।