डार्विन जो मैने पढा
डार्विन की आत्मकथा - वैसे तो चार्ल्स डार्विन की लिखी अपनी एक दर्जन से अधिक किताबे है जिनमे उनके यात्रावृतांत व निजी रोजनामचे भी शामिल है लेकिन उनकी आत्मकथा जो उन्होंने अपने परिवारजनों ( बेटे व पोते - नातियों ) के लिए लिखी जो बहुत ही निजी प्रसंगों पर आधारित है। जिसे उनके बेटे ने अपने कुछ संस्मरण जोड़कर प्रकाशित करवाया। वो पढ़ने लायक है। इसका शुरुआती लेखन उन्होंने किया जबकि बाकी का उनके बेटे ने । डार्विन एक औसत दर्जे के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे थे । पिता उनके डॉक्टर थे और ब्रिटेन में वेल्स निवासी थे। उनका परिवार वैसे ही पढ़ा लिखा था जैसे मध्यम वर्ग के परिवार होते है। उनसे बड़े भाई बहन थे जिनका जिक्र वो अपनी आत्मकथा में बहुत कम करते है । लेकिन जितना भी करते है उतने से पता चलता है कि सब उनसे बड़े थे और अक्सर उनके संरक्षक की भूमिका में ही रहे। क्योंकि माँ न दुनिया जल्दी ही छोड़ दी थी। बचपन बहुत सी शरारती घटनाओं से भरा था ऐसे ही जैसे अक्सर खाते - पीते घरों के बच्चों का होता है। आरम्भ में पढ़ाई गाँव के पास वाले स्कूल में ही हुई। जहां उन्हें पढाई में कमजोर और बात न मानने वाले लड़के के रूप म