My first English poem.
काव्य की रचना कभी भी किसी भाषा में नही हुई। काव्य तो भावों की अभिव्यक्ति मात्र है। काव्य हमेशा वहीँ रचा जाता है जहाँ पर भाष अप्रभावी हो जाती है। अर्थात भाव ह्रदय की असीम गहराई में प्रस्फुटित होते है और जब वो अप्रस्फुटित रहे जाते है तब ही काव्य बनता है। काव्य का अर्थ चंद तुकबंद कविताएँ नही है मैं उसे परिभाषित नही कर सकता पर इतना कह सकता हूँ की वेदना और प्रेम की असीम स्थिती में निकली एक आह! भी काव्यमयी हो सकती है। बस शर्त है की उस साँस को भी उसी तरह ग्रहण किया जाए जिस तरह से उसे छोडा गया।इसीलिए कालीदास के हजारों साल बाद भी कोई दुसरा कालीदास नही हुआ। अंग्रेजी मुझे अच्छी नही आती पर लायक लिख सका हूँ। आप चाहो तो इसे कविता कह सकते हो अन्यथा कुछ तो है ही- ईश्वर गुर्जर -- Is it love. -- क्या यह प्यार है-- I think that you think about me. And you think that I think about you. Do you know that When you cry, then I also cry. When you laugh then I also laugh . I see you, everywhere. But do I see you everywhere? You know