My first English poem.

              
काव्य की रचना कभी भी किसी भाषा में नही हुई। काव्य तो भावों की अभिव्यक्ति मात्र है। काव्य हमेशा वहीँ रचा जाता है जहाँ पर भाष अप्रभावी हो जाती है। अर्थात भाव ह्रदय की असीम गहराई में प्रस्फुटित होते है और जब वो अप्रस्फुटित रहे जाते है तब ही काव्य बनता है। काव्य का अर्थ चंद तुकबंद कविताएँ नही है
मैं उसे परिभाषित नही कर सकता पर इतना कह सकता हूँ की वेदना और प्रेम की असीम स्थिती में निकली एक आह! भी काव्यमयी हो सकती है। बस शर्त है की उस साँस को भी उसी तरह ग्रहण किया जाए जिस तरह से उसे छोडा गया।इसीलिए कालीदास के हजारों साल बाद भी कोई दुसरा कालीदास नही हुआ।
अंग्रेजी मुझे अच्छी नही आती पर लायक लिख सका हूँ। आप चाहो तो इसे कविता कह सकते हो अन्यथा कुछ तो है ही- ईश्वर गुर्जर




   --  Is it love.  -- क्या यह प्यार है--

                            I think that you think about me. 
And you think that I think about you.
Do you know that When you cry, then I also cry.
When you laugh then I also laugh .
I see you, everywhere. But do I see you everywhere?
You know The sky is blue! And your eyes too.
The sun's rays are beautiful. And your hair too .
Perhaps you will know that rain is good. But that's bad when you cry. Is it love or Is it madness?
Tell me.............
 हिन्दी अनुवाद-: मैं सोचता हूँ तुम मेरे बारे में सोचती हो। और तुम सोचती हो मैं तुम्हारे बारे में सोचता हूँ ।
क्या तुम जानती हो ?
जब तुम रोती हो  , तब मैं भी रोता हूँ।
जब तुम हँसती हो, तब मैं भी हँसता हूँ।
मैं तुम्हें हर जगह देखता हूँ।
पर क्या तुम मुझे देखती हो, हर जगह 
तुम जानती हो !
आसमां का रंग नीला है, और तुम्हारी आँखों का भी
सूरज की किरणें सुनहेरी है और तुम्हारे बाल भी।
 शायद तुम जानती होगी की बारीश अच्छी होती है।
पर ये तब बुरी होती है जब तुम रोती हो
"क्या यह प्यार है या फिर पागलपन"
बोलो...................................
ईश्वर गुर्जर
Blog- ishwargurjar9680.blogspot.com


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