सेपियंस 1

" 20 लाख वर्ष पहले पूर्वी अफ्रीका की पदयात्रा करते हुए शायद आप का सामना मानव चरित्रों की चिर-परिचित भूमिकाओं से हो सकता था;- शिशुओं को सीने से लगाए चिंतित माताएं और मिट्टी में खेलते हुए निश्चित बच्चों के समूह,  समाज के आदेशों के खिलाफ लाल-पीले होते तुनकमिजाज नौजवान और थके हुए बुजुर्ग जो सिर्फ इतना चाहते थे कि उन्हें चैन से रहने दिया जाए। स्थानीय सुंदरी को प्रभावित करने की कोशिश करते छाती ठोकते मर्द और सयानी बूढ़ी कुलमाताएं जो यह सब कुछ पहले ही देख चुकी थी।

आदिम मनुष्य प्रेम करते थे।, खेलते थे। , करीबी दोस्ती कायम करते थे और हैसियत तथा सत्ता के लिए होड़ करते थे। लेकिन यही सब चिंपांजी, लंगूर और हाथी भी किया करते थे उनमें अलग से कुछ खास नहीं था। किसी को भी स्वंय मनुष्य को भी यह जरा भी आभास नहीं था कि एक दिन उनके वंशज चंद्रमा पर चलेंगे, परमाणु का विखंडन करेंगे , जेनेटिक कोड की थाह लेंगे और इतिहास की पुस्तके लिखेंगे।

प्रागैतिहासिक मनुष्यों के बारे में जानने लायक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह मामूली प्राणी थे जिनका अपने पर्यावरण पर गुरिल्लाओं, जुगनुओं और जैली मछली से ज्यादा प्रभाव नहीं था। "

# सेपियंस Book से........!🌾

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